Hyderabad Student Heart Attack: हंसते-खेलते एक और मौत का LIVE VIDEO; क्रिकेट खेलते हुए युवक को हार्ट अटैक आया

हंसते-खेलते एक और मौत का LIVE VIDEO; क्रिकेट खेलते हुए युवक को अचानक हार्ट अटैक आया, 5 सेकेंड में खत्म हुई जिंदगी

Hyderabad Student Sudden Heart Attack During Playing Cricket Match

Hyderabad Student Sudden Heart Attack During Playing Cricket Match

Hyderabad Student Heart Attack: देश में हंसते-खेलते अचानक मौत होने का सिलसिला लगातार जारी है। स्थिति यह हो गई है कि, अब तो पता ही नहीं कब मौत दबे पांव आ जाए और अपने शिकंजे में ले ले। बेहद हैरानी और डराने वाली बात यह है कि, अचानक मौत के युवा भी शिकार हो रहे हैं। यूं कहें कि अधिकतर मामलों में युवाओं की जान जा रही है। साथ ही बच्चे भी चपेट में आ रहे हैं।

वहीं अब हैदराबाद से सामने आए एक ऐसे ही मामले ने हिला कर रख दिया है। यहां क्रिकेट खेलते हुए एक युवक को अचानक हार्ट अटैक आ गया। जिसके बाद ग्राउंड पर ही उसकी मौत हो गई। मौत का LIVE VIDEO सामने आया है, जो कि चिंताजनक और दर्दनाक-खौफनाक है। युवक की मौत का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल है। वीडियो देखकर लोग स्तब्ध रह जा रहे हैं और डरे हुए हैं।

5 सेकेंड में खत्म हुई युवक की जिंदगी

यह युवक हैदराबाद के एक इंजीनियरिंग कॉलेज का स्टूडेंट था। यानि युवक इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। वहीं कॉलेज के ही क्रिकेट ग्राउंड में मैच खेलते हुए युवक की अचानक मौत हुई। जो वीडियो सामने आया है उसमें दिखता है कि, ग्राउंड पर मैच चल रहा है, युवक के साथ और युवा साथी मौजूद हैं। इस बीच एक युवक अपने बल्ले से शॉट मारता है, तब यह युवक फील्डिंग पर होता है। शॉट लगने के बाद यह भागता है और आगे की तरफ आता है।

इसके कुछ देर बाद जब वह वापस लौटता है तो बेचैन सा दिखाई पड़ता है, वह अपने सीने पर हाथ भी लगाता है, उसे परेशानी हो रही होती है। वहीं इस बीच पीछे मुड़ने पर वह इशारा करते हुए कुछ बोलने की कोशिश करता है और तभी मुंह के बल ग्राउंड पर गिर पड़ता है और फिर दूबरा नहीं उठता। युवक को जमीन पर गिरते देख साथ मौजूद युवक उसके पास भागते हैं और उसे उठाने की कोशिश करते हैं। इसके बाद युवक को अस्पताल ले जाया जाता है, लेकिन उसकी मौत हो चुकी होती है।

 

लोग बोले- सरकार गंभीर हो

लोगों का कहना है कि, अचानक मौत के बढ़ते मामलों पर सरकार को गंभीर होना चाहिए और इस पर रिसर्च करवानी चाहिए। लोगों में यही सवाल है कि, आखिर अचानक मौतों को ये सिलसिला कब थमेगा और कहां जाकर रुकेगा? कब तक हम यूं ही आएदिन ऐसी मौतों को देखते रहेंगे और बेबस होंगे। अगर इस पर गंभीरता से गौर नहीं किया गया तो आने वाले समय में स्थिति कहीं और भयावह न हो जाये?

अचानक मौत का यह पहला मामला नहीं

ध्यान रहे कि, इन दिनों अचानक मौत के मामले एकदम से बढ़ गए हैं। इन मामलों में सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि, लोगों की हंसते-खेलते मौत हो जा रही है। देखा जा रहा है कि, वे बिलकुल ठीक हैं और उन्हें अचानक हार्ट अटैक आ गया और चंद मिनटों में उनकी मौत हो गई। ऐसे मामलों के जो वीडियोज सामने आए हैं।

देखा गया है कि, कोई चल रहा है, नाच रहा है और उसे हार्ट अटैक आ गया, कोई बैठा है या अखबार पढ़ रहा है, उसे हार्ट अटैक आ गया। कोई जिम कर रहा है या केमिस्ट पर दवाई लेने पहुंचा है, उसे हार्ट अटैक आ गया। कोई खाना खा रहा है, उसे हार्ट अटैक आ गया। जिन्हें हार्ट अटैक आया। उनमें ज़्यादातर नौजवान शामिल हैं। आखिर ये क्या हो रहा है?

बहराल, ऐसी मौतों को लेकर चर्चा होनी चाहिए और बचाव के उपाय बताए जाने चाहिए। सरकार को इस ओर मुख्यता ध्यान देना चाहिए। ऐसी मौतों पर मेडिकल साइंस को अब रिसर्च कर कोई इलाज का रास्ता निकालना चाहिए। क्योंकि दिनों-दिन स्थिति बिगड़ती जा रही है और मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

 

लोग बोल रहे- कोरोना वैक्सीन लगने से ऐसा हो रहा

अचानक मौतों के पीछे लोगों की तमाम प्रतिक्रियाएं सामने आ रहीं हैं। एक तरफ जहां लोग सरकार से इस तरफ ध्यान को लेकर सवाल उठा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ लोग इन मौतों के पीछे कोरोना वैक्सीन को कारण मान रहे हैं। लोगों का कहना है कि, कोरोना वैक्सीन लगने से इस प्रकार मौतें हो रहीं हैं। लोगों की यह चिंता तब और बढ़ गई है जब पिछले दिनों कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ था।

ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने यूके की कोर्ट में पहली बार वैक्सीन की खामी कबूल की थी। कोर्ट में दाखिल अपने दस्तावेजों में एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि, वैक्सीन से थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) जैसे खतरनाक गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) से शरीर में खून के थक्के जमने (Blood Clots) लगते हैं। प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगती हैं। जिससे ब्रेन स्ट्रोक या कार्डियक अरेस्ट हो सकता है।

हालांकि, एस्ट्राजेनेका का यह भी कहना था कि बेहद दुर्लभ मामलों में ही ऐसे साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं। सभी लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। बता दें कि, भारत में 80% लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन ही लगाई गई है। भारत में उत्पादन के बाद भारत समेत दुनियाभर के और लोगों को भी कोविशील्ड वैक्सीन सप्लाई की गई।

बता दें कि, कोरोना महामारी के दौरान एस्ट्राजेनेका ने इस वैक्सीन के फॉर्मूले को यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के साथ मिलकर तैयार किया था। वहीं बाद में भारत में इस वैक्सीन का उत्पादन अदार पूनावाला के सीरम इंस्टिट्यूट ने किया था. इसी वैक्सीन को भारत में हम कोविशील्ड के नाम से जानते हैं। एस्ट्राजेनेका की यह वैक्सीन दुनिया में कोविशील्ड के साथ-साथ वैक्सजेवरिया नाम से भी जानी गई।

 

हार्ट अटैक आने पर कैसे दें CPR?

ये स्थिति हम में से किसी के साथ भी घटित हो सकती है। इसलिए अगर आपके सामने ऐसी कोई भी स्थिति आती है तो सबसे पहले मरीज़ को फ़र्श पर लिटा कर उसकी पल्स और धड़कन देखने की कोशिश करें। किसी एक व्यक्ति को फ़ौरन एंबुलेंस को कॉल करने को कहें। अगर नज़दीकी अस्पताल का नंबर है तो उसपर कॉल करें। अगर पल्स नहीं मिल रही तो तुरंत CPR शुरू करें। मरीज़ के आसपास भीड़ ना लगाएँ और CPR तब तक देते रहें जब तक मदद ना आ जाये या मरीज़ की पल्स ना मिलने लगे।

अगर आपको CPR देने की विधि मालूम नहीं है तो आप यहां जान लीजिये। CPR देने की क्रिया में आप मरीज के कन्धों के पास घुटनों के बल बैठ जाएं। इसके बाद अपनी एक हाथ की हथेली को मरीज की छाती के बीच में रखें. दूसरे हाथ की हथेली को पहले हाथ की हथेली के ऊपर रखें। अपनी कोहनी को सीधा रखें और कन्धों को मरीज के छाती के ऊपर सीधाई में रखें।

वहीं अपने ऊपर के शरीर के वजन का इस्तेमाल करते हुए मरीज की छाती को कम से कम 2 इंच (5 सेंटीमीटर) और ज़्यादा से ज़्यादा 2.5 इंच (6 सेंटीमीटर) तक दबाएं और छोड़ें।  एक मिनट में 100 से 120 बार ऐसा करें। अगर आपको फिर भी सीपीआर देना नहीं आ रहा है, तो व्यक्ति के हिलने डुलने तक या मदद आने तक उसकी छाती दबाते रहें। शायद आपका कोई दवाब उसकी साँसों को दोबारा लाने में सफल हो जाये। उसका हार्ट काम करने लग जाये।

 

जिम जाते हैं तो इन बातों को रखें ध्यान

आजकल जिम का क्रेज बहुत ज्यादा बढ़ गया है। फिटनेस से ज्यादा लोग बॉडी बनाने के पीछे पागलों की तरह भाग रहे हैं। जिम में हो रहीं मौतों को देखते हुए हमारे लिए यही सीख है कि जिम करने के पहले ये ज़रूर देखना चाहिए कि हमारी क्षमता कितनी है। दूसरों को देखकर जिम नहीं करना चाहिए।

दरअसल, ज्यादा एक्सरसाइज़ से शरीर पर दवाब बढ़ता है और ऐसे में हमारी सांसें खिंचने लगती हैं। जिसके चलते ये सीधे दिल पर प्रभाव डालती हैं और इस वजह से दिल का दौरा पड़ने का ख़तरा ज्यादा रहता है। इसके साथ ही जिम एक्सरसाइज़ करने वाले डिब्बों वाले प्रोटीन भी सोच समझ के ही लें। डॉक्टर इसके लिए सावधान करते हैं।